हम तो आशिक़ हैं
ग़ैर लें महफ़िल में बोसे जाम के
हम रहें यूँ तश्नालब पैग़ाम के
ख़स्तगी का तुमसे क्या शिकवा कि ये
हथकंडे हैं चर्ख़े नीली फ़ाम के
ख़त लिखेंगे, गरचे मतलब कुछ न हो
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
रात पी जमज़म पे मय, और सुब्हदम
धोए धब्बे जामा-ए-एहराम के
दिल को आँखों ने फँसाया, क्या मगर
ये भी हल्क़े हैं तुम्हारे दाम के
शाह की है ग़ुस्ले-सेहत की ख़बर
देखिए दिन कब फिरें हम्माम के
इश्क ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के
तश्नालब - प्यासे होंठ
नीली फ़ाम - नीलगगन
जामा-ए-एहराम - पवित्र वस्त्र
हम रहें यूँ तश्नालब पैग़ाम के
ख़स्तगी का तुमसे क्या शिकवा कि ये
हथकंडे हैं चर्ख़े नीली फ़ाम के
ख़त लिखेंगे, गरचे मतलब कुछ न हो
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
रात पी जमज़म पे मय, और सुब्हदम
धोए धब्बे जामा-ए-एहराम के
दिल को आँखों ने फँसाया, क्या मगर
ये भी हल्क़े हैं तुम्हारे दाम के
शाह की है ग़ुस्ले-सेहत की ख़बर
देखिए दिन कब फिरें हम्माम के
इश्क ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के
तश्नालब - प्यासे होंठ
नीली फ़ाम - नीलगगन
जामा-ए-एहराम - पवित्र वस्त्र
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