ऎसा आसाँ नहीं
वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ
वो शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहाँ
फ़ुर्सते कारोबारे शौक़ किसे
ज़ौक़े नज़्ज़ारा-ए-जमाल कहाँ
दिल तो दिल वो दिमाग़ भी न रहा
शोरे सौदा-ए-ख़त्त-ओ-ख़ाल कहाँ
थी वो इक शख़्स के तसव्वुर से
अब वो रानाई-ए-ख़्याल कहाँ
ऎसा आसाँ नहीं लहू रोना
दिल में ताक़त जिगर में हाल कहाँ
हमसे छूटा क़िमारख़ान-ए-इश्क़
वाँ जो जाएं गिरह में माल कहाँ
फ़िक्रे दुनिया में सर खपाता हूँ
मैं कहाँ और ये बवाल कहाँ
मुज़महिल हो गए कुवा, 'ग़ालिब'
वो अनासिर में एतिदाल कहाँ
फ़िराक़ - विरह
विसाल - मिलन
सौदा-ए-ख़त्त-ओ-ख़ाल - रूप रेखा का सामान
तसव्वुर - सौन्दर्य-कल्पना
क़िमारख़ान-ए-इश्क़ - प्रणय का जुआघर
मुज़महिल - निश्चल, शिथिल
कुवा - शक्ति, ताकत
अनासिर - तत्व आदि
एतिदाल - सन्तुलन
वो शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहाँ
फ़ुर्सते कारोबारे शौक़ किसे
ज़ौक़े नज़्ज़ारा-ए-जमाल कहाँ
दिल तो दिल वो दिमाग़ भी न रहा
शोरे सौदा-ए-ख़त्त-ओ-ख़ाल कहाँ
थी वो इक शख़्स के तसव्वुर से
अब वो रानाई-ए-ख़्याल कहाँ
ऎसा आसाँ नहीं लहू रोना
दिल में ताक़त जिगर में हाल कहाँ
हमसे छूटा क़िमारख़ान-ए-इश्क़
वाँ जो जाएं गिरह में माल कहाँ
फ़िक्रे दुनिया में सर खपाता हूँ
मैं कहाँ और ये बवाल कहाँ
मुज़महिल हो गए कुवा, 'ग़ालिब'
वो अनासिर में एतिदाल कहाँ
फ़िराक़ - विरह
विसाल - मिलन
सौदा-ए-ख़त्त-ओ-ख़ाल - रूप रेखा का सामान
तसव्वुर - सौन्दर्य-कल्पना
क़िमारख़ान-ए-इश्क़ - प्रणय का जुआघर
मुज़महिल - निश्चल, शिथिल
कुवा - शक्ति, ताकत
अनासिर - तत्व आदि
एतिदाल - सन्तुलन
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